इस मरीज के बाईं नहीं दाईं छाती में धड़कता है दिल

इस मरीज के बाईं नहीं दाईं छाती में धड़कता है दिल

सेहतराग टीम

पूरी दुनिया के इंसानों में एक बाद कॉमन होती है। वो ये कि हर किसी के शरीर में दिल यानी हृदय छाती के बाईं ओर होता है। हालांकि हमारी धरती अजूबों से भरी है और प्रकृति कई बार ऐसी चीजें दिखाती है कि इंसान दांतों तले अंगुलियां दबा लेता है। ऐसा ही एक मामला मध्‍य प्रदेश के इंदौर में सामने आया है।

इंदौर के एक सरकारी अस्‍पताल के चिकित्सकों ने अपेंडिक्स के 37 वर्षीय एक मरीज की सोमवार को जांच करायी, तो वे यह जानकर दंग रह गए कि इस व्‍यक्ति के सीने में दिल बाईं ओर नहीं बल्कि दाईं ओर था।

महाराजा यशवंत राव होलकर चिकित्सालय (एमवायएच) के सर्जरी विभाग के सहायक प्रोफेसर अरविंद शुक्ला के अनुसार ये मरीज पेट दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचा था। अपेंडिक्स के ऑपरेशन से पहले जब मरीज की अलग-अलग जांच करायी गई, तो खुलासा हुआ कि जन्मजात विकृति के कारण दिल के अलावा उसके कुछ अन्य प्रमुख भीतरी अंग भी सामान्य स्थिति की तुलना में उल्टी दिशा में हैं। 

उन्होंने बताया, ‘मनुष्यों में सामान्य तौर पर लिवर शरीर के दायीं ओर पाया जाता है। लेकिन यह अंग मरीज के जिस्म में बायीं ओर है। इसी तरह, उसके शरीर में स्प्लीन (तिल्ली) बायीं तरफ के बजाय दायीं तरफ है।’ 

शुक्ला ने बताया कि इस मामले में हैरानी की बात यह भी रही कि उम्र के 36 साल गुजारने के बावजूद मरीज को इस बात का कतई इल्म नहीं था कि उसके शरीर में प्रमुख अंग सामान्य स्थिति की तुलना में उल्टी तरफ हैं। पेट दर्द की हालिया शिकायत से पहले, वह बड़े आराम से अपनी जिंदगी जी रहा था।’ 

उन्होंने बताया कि मानवीय शरीर में अंगों की यह अजब-गजब स्थिति एक लाख में से केवल 1 व्‍यक्ति में पाई जाती है। इस दुर्लभ जन्मजात विकृति को चिकित्सकीय भाषा में साइटस इन्वर्सस टोटेलिस कहते हैं। इसके मरीजों को ताउम्र चिकित्सकीय निगरानी में रहने की सलाह दी जाती है। 

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